वीआईपी कल्चर ने देश में एक ऐसा वर्ग खड़ा कर दिया है जो हर तरह की सुविधाओं और शक्ति को अपना सहज अधिकार मान बैठा है और ये लोकतंत्र के लिए बहुत खतरनाक साबित हो सकता है
किशोरी अमोणकर को याद करते समय फिराक गोरखपुरी का वह शेर याद आता है जो उन्होंने अपने समकालीनों को संबोधित करते हुए कहा था, आने वाली नस्लें तुम पर रश्क करेंगी हमअसरो, जब उनको ये ध्यान आएगा तुमने फिराक को देखा था।