यह वार्षिक विशेषांक कुछ नया सोचने को मजबूर करेगा। प्रतिष्ठित साहित्यकारों के आलेख और कविताएं राष्ट्र और समाज निर्माण के लिए पाठकों के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करेंगी, जो आज के समय की महती जरूरत है
मराठा ही नहीं, पाटीदार और जाट आंदोलनों में नई हलचल से आरक्षण का मुद्दा फिर गरमाया, 2019 के आम चुनावों पर इसके गहरे साए की संभावना से सियासी सक्रियता भी बढ़ी