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मैगजीन
6 मार्च 2023 | Mar-06-2023

आवरण कथा/साइबर अपराध: मोबाइल मधुर फांस

दुनिया भर में पैर पसार रहे साइबर अपराध का नया वेरिएंट सेक्सटॉर्शन या रोमांस फ्रॉड हाल में भारत में तेजी से हजारों लोगों से करोड़ों ऐंठने और खुदकशी का कारण बना, लेकिन न सिर्फ हमारे कानून नाकाफी, बल्कि पुलिस और सरकारी उदासीनता भी इस अपराध में बढ़ोतरी की वजह

राजीन नयन चतुर्वेदी

20 फरवरी 2023 | Feb-20-2023

आवरण कथा/नौकरियां: सुंदर सपना बीत गया

दुनिया में मंदी के लंबे होते साये के बीच बहुराष्ट्रीय और भारतीय खासकर आइटी कंपनियो में बड़े पैमाने पर छंटनी जारी है, तो क्या लकदक विदेशी नौकरियों और जीवन-शैली हासिल करने के ‘द ग्रेट इंडियन ड्रीम’ का गुब्बारा फटने जा रहा?

हरिमोहन मिश्र

6 फरवरी 2023 | Feb-06-2023

आवरण कथा: शिकस्त की आवाज

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट के अनुसार खुदकशी के मामलों में भारत के शीर्ष पांच राज्यों के बीच मध्य प्रदेश इकलौता हिंदीभाषी राज्य है

अभिषेक श्रीवास्तव

23 जनवरी 2023 | Jan-23-2023

स्टार किड्स की नई खेप/आवरण कथा : अब ‘पैदाइशी सितारों’ की चमक तो देखिए

मुंबइया फिल्म उद्योग में अंदरूनी और बाहरी की बहस के बीच नए साल में लॉन्च हो रहे ‘स्टार-किड’ क्या कोई चमक बिखेर पाएंगे, क्या फीके पड़ते बॉलीवुड को फिर बुलंद बना पाएंगे

स्वाति बक्शी

9 जनवरी 2023 | Jan-09-2023

आवरण कथा / पिता पुराण : छतनार बरगद सा पिता

पिता और पुरुष को एक मान लेने की समस्या बीती सदी में दुनिया भर में कमोबेश एक साथ पैदा हुए अस्मितावादी विमर्श की भी देन है

अभिषेक श्रीवास्तव

26 दिसंबर 2022 | Dec-26-2022

आवरण कथा/दस साल निर्भया : निर्भय निर्लज्जता की हदें

निर्भया कांड के दस साल बाद और उसके गुनहगारों को फांसी के करीब तीन साल बाद रोज बढ़ती यौन हिंसा और उसकी बर्बर प्रकृति यह दिखाती है कि बलात्कार विरोधी आंदोलन से उपजे सारे महिला सुरक्षा कानून पूरी तरह हुए फेल

अभिषेक श्रीवास्तव

12 दिसंबर 2022 | Dec-12-2022

जनादेश 2022/ गुजरात आवरण कथा : नतीजे नहीं, पड़ाव को देखिए

विधानसभा चुनाव के आखिरी दौर में जिस तरीके से भाजपा और कांग्रेस ने अपने सारे घोड़े खोल दिए हैं, वह तीसरी ताकत के बावजूद चुनावी लड़ाई के दो दलों के बीच सिमटते जाने की आहट दे रहा है

अभिषेक श्रीवास्तव

28 नवंबर 2022 | Nov-28-2022

आवरण कथा/भारत जोड़ो यात्रा: राजनीति का उत्तरायण

यात्रा चलती जा रही है और यात्री जुड़ते जा रहे हैं, इस सफर में राहुल गांधी कितने बदलते हैं, उनके सोच-समझ में कितना परिष्कार होता है और लोगों में वे कैसी छवि बना पाते हैं, इसकी परीक्षा जल्दी ही होगी, यकीनन 2024 के आम चुनावों में

हरिमोहन मिश्र

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