नीतीश की ‘बीच की राजनीति’ में कई संकेत छिपे हैं, जिसका भाजपा को भी भान है लेकिन 2024 के लोकसभा चुनावों तक अपने एजेंडे के साथ बने रहना उसकी मजबूरी, जदयू नेता को भी इसका एहसास शिद्दत से है, इस नए सियासी जोड़तोड़ का क्या हो सकता है नतीजा, इस पर एक नजर
वैवाहिक रिश्तों में बलात्कार को अपवाद मानने वाली भारतीय दंड सहिता की धारा पर एक खंडित न्यायालयी फैसले से स्त्री स्वतंत्रता, रति-सुख, यौनिकता पर बहस का नया आगाज
आकांक्षा पारे काशिव, आवरण कथा के सभी चित्रः संजु दास
बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियां न सिर्फ अरबों लोगों का जीवन प्रभावित कर रही हैं, बल्कि दूसरी कंपनियों और यहां तक कि सरकारों की भी बाहें मरोड़ने से बाज नहीं आतीं, पसर रहा है नव-उपनिवेशवाद