अमेरिका हटा तो बिना विरोध के देश को कब्जे में लेने वाले लड़ाके अब उदार दिखने की कोशिश कर रहे लेकिन लोगों को भरोसा नहीं, आशंकाएं कई
इंटरनेट, स्मार्टफोन, वेब सीरीज, ऐप, ओटीटी प्लेटफॉर्म के दौर में अश्लील वीडियो, फिल्मों, नग्न तस्वीरों का बाजार बेहिसाब बढ़ा, लॉकडाउन में सस्ते मनोरंजन, मजबूरी के दोहन और कमाई का जरिया बना
अरसे बाद सुप्रीम कोर्ट में राजद्रोह की प्रासंगिकता पर सवाल उठा
एनपीए बढ़ा, बैंकों को गहराते संकट से उबारने के उपाय ऊंट के मुंह में जीरे के सामान, गलतियों से सबक सीखने के प्रति लापरवाही, दिवालिया संहिता से सवालिया घेरे में बैंक, याराना पूंजीवाद और भगोड़ों पर कोई खास अंकुश नहीं
कोविड-19 से हर तबका प्रभावित, कोई बिजनेस बेचने तो कोई मेड का काम करने को मजबूर, लेकिन अमीरों की अमीरी भी बढ़ी
विधानसभा चुनावों के नतीजों और कोविड-19 की दूसरी लहर के कारण पिछले सात साल में शायद पहली बार भाजपा और उसका केंद्रीय नेतृत्व बैकफुट पर, मगर क्या विपक्ष मुकाबले की एकजुट ताकत दिखा पाएगा
ब्लैक, व्हाइट, येलो फंगस के बढ़ते मामले, दवा की किल्लत और देश के लगभग हर इलाके के गांव तक प्रसार से दहशत, गंभीर मरीजों में मृत्यु दर 30% से अधिक
ऐसा प्रचंड संकट आजादी के बाद से नहीं आया था, अब तो मोदी समर्थक भी मानने लगे हैं कि महामारी में सरकार का रवैया सारे दायित्व से हाथ झाड़ लेने का रहा है