अगले लोकसभा चुनावों की तैयारी में विपक्ष ने अपनी गोटियां सहेजनी शुरू की हैं तो भाजपा ने भी उन नए क्षेत्रों पर फोकस किया है जो उसके लिए अलंघ्य रहे हैं लेकिन भविष्य में सियासत की तस्वीर मैदानी स्थिति पर निर्भर है, कागजी आंकड़े पर नहीं
आज चरम मौसमी घटनाओं, जैसे ग्लेशियरों के पिघलने, बादल फटने, सूनामी आने, बिजली गिरने, ऋतु-चक्र बदलने, वायरसों के प्रकोप और प्राणियों की असमय मौत में कुदरत के इस प्रतिशोध को हम रोज ही देख रहे हैं
आजादी के बाद बीते साढ़े सात दशक के दौरान हिंदी सिनेमा देश के राजनीतिक-सामाजिक सफर का हमकदम रहा है, उसकी दास्तां में इस देश का अक्स दिखता है, इतिहास, उत्थान-पतन और तकनीक से हासिल सहूलियतों पर एक नजर
ब्रिटेन में ऋषि सुनक के प्रधानमंत्री पद की दावेदारी की होड़ में पहुंचने से विदेश और खासकर पश्चिमी लोकतंत्रों में सियासी शिखर तक कामयाब सफर पर नए सिरे से नजर गई, दुनिया के कई देशों में भारतवंशियों की सियासी यात्रा पर एक नजर
नीतीश की ‘बीच की राजनीति’ में कई संकेत छिपे हैं, जिसका भाजपा को भी भान है लेकिन 2024 के लोकसभा चुनावों तक अपने एजेंडे के साथ बने रहना उसकी मजबूरी, जदयू नेता को भी इसका एहसास शिद्दत से है, इस नए सियासी जोड़तोड़ का क्या हो सकता है नतीजा, इस पर एक नजर