केरल की आपदा प्राकृतिक से अधिक हमारी लालच और विकास के मॉडल की प्रतीक है। मगर इस विपत्ति की घड़ी में भी कुछ अप्रिय सवाल ऐसे खड़े हुए जिनसे हमारी संघीय ढांचे की भावना और निष्पक्षता कठघरे में खड़ी होती है। इनका फौरन जवाब तलाशना जरूरी
मराठा ही नहीं, पाटीदार और जाट आंदोलनों में नई हलचल से आरक्षण का मुद्दा फिर गरमाया, 2019 के आम चुनावों पर इसके गहरे साए की संभावना से सियासी सक्रियता भी बढ़ी