दुनिया में जहां भी लोकतंत्र की चर्चा होती है वहां सबसे पहले अभिव्यक्ति की आजादी का सवाल उठता है। दरअसल, यह आजादी ही लोकतंत्र की असली कसौटी मानी जाती है। भारत का संविधान भी अपने सभी नागरिकों को बिना किसी भेदभाव के यह आजादी देता है। इसके बावजूद पिछले कुछ समय से, खासकर केंद्र की सत्ता में नई सरकार के आने के बाद, लगातार ये सवाल उठ रहे हैं कि क्या नागरिकों को उनकी बात कहने से रोका जा रहा है? क्या मीडिया को निष्पक्ष रूप से काम करने में बाधा पहुंचाई जा रही है? क्या साहित्यकारों को वह माहौल नहीं मिल रहा है कि वह निर्भय होकर मनमाफिक कलम चला सकें? क्या नागरिकों को उनकी मर्जी के अनुसार जीवन जीने में बाधा पहुंचाई जा रही है? आज जब हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का 70वां स्वतंत्रता दिवस मनाने जा रहे हैं तो इन सवालों का जवाब तलाशना जरूरी हो जाता है। आउटलुक के इस अंक में हम इन्हीं सवालों पर विभिन्न क्षेत्रों के कुछ शीर्ष लोगों की राय प्रकाशित कर रहे हैं।
भारतीय जनता पार्टी में किसी राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में सबसे लंबी पारी खेलने वाले नेता बन गए हैं डॉ. रमन सिंह। छत्तीसगढ़ में वर्ष 2018 में चुनाव होने हैं। वे ‘मिशन 2018’ को गंभीरता से ले रहे हैं। मात्र 40 दिनों के अंतराल में सत्ता और संगठन के चिंतन, मंथन और केंद्र व राज्य के संगठन और सत्ता के साथ लगातार रायशुमारी यह बता रही है कि चौथी पारी के लिए भाजपा को कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। जाहिर है, चुनाव को अभी ढाई साल बाकी हैं और छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी अभी से चुनाव मोड में दिख रही है। राज्य में विपक्ष की गतिविधियां और सरकार के कामकाज को लेकर मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह से बातचीत के प्रमुख अंश-
दक्षेस देशों के गृह मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने के लिए भारतीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह का पाकिस्तान दौरा चर्चा में है और इस दौरे को लेकर कई तरह की बातें कही जा रही हैं।