हमारे संविधान निर्माताओं ने राष्ट्रपति या दूसरी प्रणालियों के बरक्स देश हित में इसे चुना और यह कारगर साबित हुई, लेकिन कई चुनौतियां भी उभरीं, लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव साथ कराना खास समाधान नहीं
चुनावी जीत के लिए किसी भी हद तक जाने के राजनीतिक दलों के तरीके खतरनाक उन्माद और कटुता का माहौल बना रहे हैं। यही बदलता परिदृश्य 2019 के लोकसभा चुनावों की दिशा तय करेगा