कॉलिंस के शब्दकोश ने एआइ को 2023 का शब्द बताया, यथार्थ की जगह आभास, असल की जगह नकली मेधा, आदमी की जगह रोबोट, इनसानी विवेक की जगह अलगोरिद्म, और स्वतंत्रेच्छा की जगह नियति- कल की दुनिया इन्हीं से मिलकर बननी है, सोशल मीडिया की लत उस बड़ी बीमारी का महज लक्षण भर
कांग्रेस पार्टी पांचों चुनावी राज्यों के बहाने लोकसभा की राह तैयार कर रही थी लेकिन नरेंद्र मोदी ने अपना चेहरा सामने रखकर बड़ा दांव चल दिया, अब सवाल है कि 2024 के आम चुनाव में कांग्रेस और उसकी छतरी के नीचे बिखरता इंडिया गठबंधन क्या करेगा
26 अक्टूबर को नौ साल पूरा कर रही खट्टर सरकार के उपलब्धियों के दावे अनेक मगर विपक्ष के एजेंडे भी कम नहीं, असली परीक्षा तो अगले साल लोकसभा और फिर उसके कुछ महीने बाद विधानसभा चुनावों में ही होगी
एक दौर में तमाम महापुरुष और नेता जाति उन्मूलन की बात करते थे आज देश की समूची राजनीति ही जातियों को गिनने की धुरी पर आकर टिक गई है, बिहार की जातिवार गणना के आंकड़े सामने आने के बाद जो हलचल मची है वह देश के सामाजिक-राजनीतिक इतिहास में एक निर्णायक मोड़ साबित हो सकती है, खासकर पांच राज्यों के चुनाव और अगले साल लोकसभा चुनाव में इसके अक्स दिखने की संभावना