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मैगजीन
5 फरवरी 2024 | Feb-05-2024

आवरण कथा/अयोध्या : राम राजनीति लीला

2024 के लोकसभा चुनावों के पहले अयोध्या में भव्य राम मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा का अनुष्ठान बना सियासी मसला

हरिमोहन मिश्र

22 जनवरी 2024 | Jan-22-2024

आवरण कथा/सोशल मीडिया लत: नई नियति, नए नियंता

कॉलिंस के शब्दकोश ने एआइ को 2023 का शब्द बताया, यथार्थ की जगह आभास, असल की जगह नकली मेधा, आदमी की जगह रोबोट, इनसानी विवेक की जगह अलगोरिद्म, और स्वतंत्रेच्छा की जगह नियति- कल की दुनिया इन्हीं से मिलकर बननी है, सोशल मीडिया की लत उस बड़ी बीमारी का महज लक्षण भर

अभिषेक श्रीवास्तव

8 जनवरी 2023 | Jan-08-2024

आवरण कथा/उत्तरकाशी के संकटमोचनः इन नायकों को गैर-बराबरी की सुरंग से कौन निकालेगा?

जो 41 लोग बचाए गए वे मजदूर हैं, जिन 12 ने बचाया वे भी मजदूर हैं, दोनों ही सामाजिक व्यवस्था के हाथों मजबूर, सवाल इन्हें नायक बनाने से आगे का है

अभिषेक श्रीवास्तव

25 दिसंबर 2023 | Dec-25-2023

जनादेश ’23 आवरण कथाः चौबीस का चेहरा

कांग्रेस पार्टी पांचों चुनावी राज्यों के बहाने लोकसभा की राह तैयार कर रही थी लेकिन नरेंद्र मोदी ने अपना चेहरा सामने रखकर बड़ा दांव चल दिया, अब सवाल है कि 2024 के आम चुनाव में कांग्रेस और उसकी छतरी के नीचे बिखरता इंडिया गठबंधन क्या करेगा

पुण्य प्रसून वाजपेयी

11 दिसंबर 2023 | Dec-11-2023

आवरण कथा/भारतीय गेंदबाजी: तूफानी तिकड़ी

भारतीय क्रिकेट में पहली बार एक साथ तीन-चार पेसर मैदान में उतरे और टीम की छवि हमेशा के लिए बदल गई

मंथन रस्तोगी

27 नवंबर 2023 | Nov-27-2023

आवरण कथा/जनादेश ’23: मुद्दे खाली, गारंटी पूरी

कल्याणकारी राज्य को तिलांजलि देने के तीन दशक बाद राजनीतिक दलों तक सिमट चुका कल्याण बना वोट का बायस

हरिमोहन मिश्र

13 नवंबर 2023 | Nov-13-2023

आवरण कथा/ हरियाणा: नौ साल मनोहर या...

26 अक्टूबर को नौ साल पूरा कर रही खट्टर सरकार के उपलब्धियों के दावे अनेक मगर विपक्ष के एजेंडे भी कम नहीं, असली परीक्षा तो अगले साल लोकसभा और फिर उसके कुछ महीने बाद विधानसभा चुनावों में ही होगी

चंडीगढ़ से हरीश मानव

30 अक्टूबर 2023 | Oct-30-2023

आवरण कथा/जाति जनगणना: मंडल-कमंडल का नया दंगल

एक दौर में तमाम महापुरुष और नेता जाति उन्मूलन की बात करते थे आज देश की समूची राजनीति ही जातियों को गिनने की धुरी पर आकर टिक गई है, बिहार की जातिवार गणना के आंकड़े सामने आने के बाद जो हलचल मची है वह देश के सामाजिक-राजनीतिक इतिहास में एक निर्णायक मोड़ साबित हो सकती है, खासकर पांच राज्यों के चुनाव और अगले साल लोकसभा चुनाव में इसके अक्स दिखने की संभावना

हरिमोहन मिश्र

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